

ख़ूबसूरत
प्रेमी के लिये प्रेमिका का यौवन खूबसूरत,
ममता के लिये लाल का जोबन ख़ूबसूरत ,
भूखे को लगे भोजन की थाली ख़ूबसूरत ,
लत हो नशे की तो मय की प्याली ख़ूबसूरत ,
अंधे के लिये फूलों की महक भी ख़ूबसूरत ,
बहरे के लिये जलधि की लहर भी ख़ूबसूरत ,
श्याम तन पर हो सौम्य मन होता ख़ूबसूरत ,
विकलांग के लिये कृत्रिम अंग होता ख़ूबसूरत ,
भँवरों को नहीं लगते नक़ली रंगीन फूल ख़ूबसूरत,
जैसे बेजान मोम के पुतले नहीं हो सकते ख़ूबसूरत,
सबको उनकी उपयोगिता और गुण बनाते ख़ूबसूरत ,
खोखले वादे और इरादे नहीं माने जाते ख़ूबसूरत ,
जिसकी होती भावना जैसी धरती लगे वैसी ख़ूबसूरत,
शुद्ध मन कर्म वचन से बन सकते हम भी ख़ूबसूरत ।
कुन्ना चौधरी
जयपुर
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देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा ‘ युवा प्रवर्तक ‘ के प्रधान संपादक हैं। साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘ मानसरोवर ‘ एवं ‘ स्वर्ण विहार ‘ के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है।

बहुत बहुत शुक्रिया
और आपके चैनल को हमारी शुभकामनाएँ ???
नमस्कार….बहुत बहुत शुक्रिया
और आपके चैनल को हमारी शुभकामनाएँ ???
बहुत खूबसूरत रचना
शब्द की विस्तृत व्याख्या
उसके उपमेय-उपमान बहुत सटीक हैं।
बहुत खूबसूरत रचना आँटी आपकी।
बहुत ही खूबसूरत रचना आँटी आपकी।