कुरूक्षेत्र हरियाणा से राहुल कुमार चौधरी की कविता – भारतीय परिधान, महिलाओं की शान साड़ी

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कविता

जब आप लाल साड़ी में केश खोलकर आते हो
आंखो में काजल और माथे पर बिंदी लगाते हो ।

होंठों पर लबरेज मुस्कान सजाकर जब हंसते हो
मंत्रमुग्ध करके सबके दिल में सदैव बसते हो ।

पार्टी, दफ्तर, सम्मेलन में साड़ी पहन जाते हो
अनूठा एक मुकाम हासिल कर वापिस आते हो।

शुरूआती दौर में जब साड़ी पहनना सीखा होगा
यह मुश्किलों भरा अनुभव लगता फीका होगा ।

तब बेतरतीबी से साड़ी पहनना आया होगा
दिल को खुशी और मन को चैन पाया होगा ।

साड़ी आपके लिए बना खास लिबास है
मन मोह लेने वाला मखमली एहसास है ।

विभिन्न रंग साड़ी के जब बाजार में चुनती हो
पहनने पर लगता है जैसे खुद साड़ी बुनती हो ।

हर महिला को साड़ी खरीदना आपसे सीखना है
साड़ी पहनकर आपकी तरह आकर्षक दिखना है।।

राहुल चौधरी,
कुरूक्षेत्र

3 COMMENTS

  1. भारतीय संस्कृति की शान है साड़ी
    बहुत सुंदर व्याख्यान

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